गोंडवाना की संस्कृति में कोइतुरो के लिये 750 का क्या महत्व है / 750 क्या है? गोंडवाना 750 का मतलब क्या है? पूरी विस्तार से जाने।
gondavaana kee sanskrti mein koituro ke liye 750 ka kya mahatv hai
गोंडवाना की संस्कृति में कोइतुरो के लिये 750 का क्या महत्व है
गोंडी धर्म में 750 का महत्व -
हमारे सगाजनो को 750 के बारे में पता होना चाहिए ।अगर आप गोंड हो तो आपको अगर कोई पूँछ लिया तो आपको जवाब
पता होना चाहिये। कई बार दूसरे समाज के लोग आपको पूछें तो आप उन्हें विस्तार से समझा सके। की 750 का मतलब क्या है।
तो चलिए विस्तार से जानते हैं।
750 का अर्थ है -
शुरुआती अंक 7 से मतलब है। मनुष्य में सात प्रकार का आत्मा गुण होता है।
(1) सुख
(2) ज्ञान
(3) पवित्र
(4) प्रेम करना
(5) शांति
(6) आनंद
(7) शक्ति
दूसरा अंक है 5 , पाँच का मतलब शरीर के पाँच तत्व से है।
शरीर के पाँच तत्व जिससे जीवन है - इनके बिना जीवन असंभव है।
(1) आकाश
(2) पृथ्वी
(3) पानी
(4) अग्नि
(5) वायु
शून्य का मतलब है निराकर जैसे की हमारे प्रकृति का कोई आकार नहीं है।
माँ के गर्व से भी शून्य का मतलब है।जैसे हम पृथ्वी पर जन्म लेते है।
0 = निराकार है, जिसका कोई आकार नहीं।
7+5+0=12
धर्म गुरु पारी कुपर लिंगो जी
ने एक से बारह सगापेनो में बाँट दिया है। जैसे कि देवों की संख्या 2, 4, 6, 8, 10,12 ये हमारे सम सगापेन है। और देवों की संख्या 1, 3, 5, 7, 9, 11 ये हमारे विषम सगादेव है। दो सगाघाटको में बाँट दिया है।
सम सगादेव के 330 गोत्र है। और विषम सगादेव 420 गोत्र है।
केवल 12 ज्योतिर्लिंग (देव)है।
और हमारे गोंडवाना समाज में 12 देव हैं।
जैसे 1देव, 7देव, 12देव तक देव संख्याएँ हैं, जिनकी गोत्र संख्या 750है।
जैसा -
1 उन्दी वेंन सगा (एक देवसगा )100 गोत्र हैं।
2 रण्ड वेंन सगा (दो देवसगा )100 गोत्र
3 मूँद वेंन सगा (तीन देवसगा) 100 गोत्र हैं।
4 नालुंग वेंन सगा (चार देवसगा) 100 गोत्र
5 सयुंग वेंन सगा (पाँच देवसगा) 100 गोत्र
6 सारुंग वेंन सगा (छः देवसगा) 100 गोत्र
7 येरुंग वेंन सगा (सात देवसगा)100 गोत्र हैं।
8 अरवेंन सगा (आठ देवसगा)10 गोत्र हैं
9 नर्वेन सगा (नो देवसगा) 10 गोत्र हैं।
10 पद वेंन सगा (दस देवसगा) 10 गोत्र
11 पदुनदेव वेंन सगा (ग्यारह देवसगा )10 गोत्र हैं।
12 पार्डवेंन सगा (बारह देवसगा) 10 गोत्र हैं।
1-12 कुल 750 गोत्र
सात सगाओ के 700 गोत्र होते है। और पाँच भूमकाओं के 50 गोत्र होते है
इस तरह से 750 का अर्थ भी बता सकते हैं
जैसे 7 दिन से एक सप्ताह का निर्माण होता है
5 सप्ताह से एक महीने का निर्माण होता है (5 सप्ताह मिलकर एक महिना बनता है ।
7 + 5 = 12 एक साल का निर्माण होता है।
गोंडवाना 750 का मतलब क्या है?
पहले 750 का पहला अंक सात है।
7. अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए हर व्यक्ति को जब विवाह सूत्र में बंधना पड़ता है। विवाह में 7 दिनों को साक्षी मानकर 7जन्मो का रिस्ता बांधकर 7 वचनो के साथ-साथ 7 फेरे लेते है, इसलिए ये 7 का निशान अच्छे और शुभ होते हैं।
गोंड समाज में जिस घर में मृत्यु हो जाता है, वहाँ 7दिनो
के बाद ही भोजन पकाया या कार्यक्रम किया जाता है।
750 का दूसरा अंक पाँच है।
5. मृत्यु के बाद, शरीर दफनाने से पहले 5 चक्कर लगाता है, उसके बाद, इसे गड्ढे में डालने के बाद, प्रत्येक व्यक्ति को पाँच मुट्ठी मिट्टी डाल दी जाती है और हर व्यक्ति मृत्यु के पश्चात 5 तत्वों में विलीन हो जाता है । और हमारा शरीर भी पांच तत्वों से बना है, क्रमिक रूप से वे पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश हैं। हमारा भौतिक शरीर पृथ्वी के तत्व से बनता है। पृथ्वी (पृथ्वी) से जिन तत्वों, धातुओं और गैर-धातुओं का निर्माण हुआ है, उन्होंने हमारे भौतिक शरीर का भी निर्माण किया है। यही कारण है कि आयुर्वेद में शरीर को स्वस्थ और मजबूत बनाने के लिए धात्विक भस्मक का उपयोग किया जाता है।
गोंडवाना समाज के किसी घर में बच्चा होने पर
5 दिनो के बाद ही बारसा का कार्यक्रम किया जाता है।
750 में तीसरा अंक 0 है।
(शून्य) पृथ्वी के समान है। जब माँ अपने बच्चे को 9 महीने पेट में रखती है, तब उस माँ का पेट गोलकार प्रतीत होता है। जो पृथ्वी के सामान ही जीवन दहानी है।अर्थात् वहाँ जीवन की उत्पत्ति होता है इस प्रकार जीवन और मृत्यु गोलाकार रूप में चक्कर लगाते है। इसलिए, यह तीसरा नंबर 0 शुभ और वंदनीय है।
इसलिए, गोंडी धर्म में 750 को बहुत महान और पूजनीय माना जाता है।
जय सेवा, जय बड़ादेव, जय गोंडवाना
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