धुर्वे परिवार ने रचा इतिहास समुद्री तैराकी : 'एशियन बुक आफ रिकार्ड में दर्ज कराया नाम
हौसले के बिना संभव नहीं था: सुखदेव ।
अपने परिवार की इस ऐतिहासिक सफलता पर सुखदेव धुर्वे ने कहा कि मुझे और मेरे परिवार को इस पराक्रम के लिए बहुत हौसले की जरूरत थी जो मुझे पुलिस विभाग व अन्य साथियों से मिला. उन्होंने नागपुर शहर पुलिस आयुक्त डा. भूषणकुमार उपाध्याय व अन्य सभी वरिष्ठ अधिकारियों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि विभाग के सहयोग के बिना में यहां तक नहीं आ पाता, उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय कोच योगेश खोब्रागडे, सतीश मडावी, राहुल पांडे, अजय उईके, नानू नेवरे, पीआई बैजंती मांडकधरे, शेखर गजभिये, विजय कोली, प्रीतम कोली, कुणाल कोली, मधुकर गावित (पुलिस विभाग), कोच निशांत राऊत, अमोल खोड़े कामगार कल्याण केंद्र के अरुण कापसे आदि को दिया, उनकी इस सफलता के लिए दिवे चैरिटेबल ट्रस्ट, मिहीर सेन स्थिमिंग एंड स्पोटिंग क्लब, विक्टोरियस, शार्क क्लब, गैलेन्द्री डॉल्फिन स्विमिंग क्लम, कामगार कल्याण केन्द्र व शहर पुलिस विभा आदि प्रयासरत रहे,
समुद्री लहरों से - रोचक जंग
1. एलीफेंटा से सुबह 7.50 बजे से शुरू हुई चुनौती भरी इस तैराकी में पूर्व परिवार और समुद्री लहरों के बीच रोचक जग हुई सबसे पहले सार्थक ने तैराको शुरू की और 80 आर्म्स प्रति मिनिट के हिसाब से आगे बढ़ते रहे.
2. 14 किमी के बाद सुखदेव समुद्र में उतरे और उन्होंने 100 आर्म्स प्रति मिनट से तैराकी की. 9 किमी के बाद वैशाली ने मोर्चा संभाला और 60 आर्म्स प्रति मिनट से तैराकी
3. कुल 11 किमी की दूरी के बाद मात्र 9 वर्ष की तन्वी ने अपने परिवार का मोर्चा आगे बढ़ाया. तन्वी ने लहरों के उतार-चढ़ाव के बीच सभी को हैरान करते हुए 60 आर्म्स प्रति मिनट से तैराकी की.
4. अंतिम दौर में एक बार फिर सुखदेव समुद्र में उतरे और दोपहर 12.25 बजे गेटवे आफ इंडिया पहुंचकर अपने व परिवार के साथ इतिहास रच दिया.
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