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Top Gondi songs/ Adiwashi Songs

गोंडवाना लैंड

गोंडवाना लैंड 🌹🌹🙏 सेवा जोहार🙏🌹🌹 गोंडवाना लैंड विषववृतत् पर होने से उस पर सूर्य की किरण सीधी लब आकार में पहुंचती है। इसलिए वहां अधिक तापमान और कम दबाव का क्षेत्र पैदा होकर सबसे पहले बारिश हुई जिसे गोंडवाना लैंड में जिवो का सबसे पहले विकास। नर्मदा घाटी जावा, सुमात्रा, रोडो रहोडेशिवा क्रोम न्यान और ग्रीमाल्डी ईस जगहों में आदिमानव के अवशेष मिले हैं यह सभी क्षेत्र गोंडवाना लैंड में है। नर्मदा घाटी के क्षेत्र में जो मानव अवशेष प्राप्त हुए हैं वैसे अवशेष पृथ्वी पर कहीं भी प्राप्त नहीं हुए। हिमालय पर्वत का निर्माण आज से 7 करोड वर्ष पूर्व हुआ जहां से सतलुज, यमुना, गंगा, तथा ब्रह्मपुत्र नदियों का उद्गम हुआ है। जबकि मध्य भारत के अमरकंटक (अमुरकोट यानी कभी ना डूबने वाले कोट) पर्वत का उद्गम 33 करोड़ वर्षीय पुरवा हुआ है जहां से नर्मदा की जलधारा निकली है इसलिए हिमालय क्षेत्र की तुलना में नर्मदा के किनारे ही सबसे पहले प्राचीन मानव सभ्यता निर्माण हुई जहां से उसका अन्य क्षेत्रों में विस्तार हुआ जीव निर्मिति के सबसे बेहतर हालात आज के अफ्रीका महाद्वीप में थी और अफ्रीका महाद्वीप उस वक्त भारत में जुड़ा...

"#लोहा " आयरन...#निर्यात (export)शब्द का उदभव: इतिहास का पुनर्लेखन

"#लोहा " आयरन...#निर्यात (export)शब्द का उदभव: इतिहास का पुनर्लेखन लौह अयस्क याने  ( #Iron ore) के लिए गोंडी में शब्द है "#इम"  "इम" अर्थात लौह अयस्क को लौह भट्टी में निश्चित ताप और दाब देकर जो आयरन प्राप्त होता है उसे गोंडी लैग्वेज में "#कच्च" कहते हैं 🐓🐓आयरन अयस्क को गलाने की भट्टी के लिए " कच्च सार " --- कच्च + स + आर  🐓🐓आयरन अयस्क संग्रहण में लगा समुदाय  क +इम+ आर =कमार  यहाँ "आर " का अर्थ होता है "तीर " सबसे पहले  "तीर" की खोज का श्रेय हम इन्ही कमार समुदाय को देते हैं  🐓🐓"#बिल " का अर्थ है धनुष.... सबसे प्रसिद्ध धनुर्धर हम "भिल/बिल " समुदाय में देखते हैं भील समुदाय ने हजारों सालों से भारत के भूस्थलीय सीमाओं की रक्षा इसी मजबूत "आर" और "बिल" से किया ... इनके रहस्य और मजबूत तीरो से दिकू हमेशा से अचंभित रहते थे 🐓🐓🐓अब "तीर " को और मजबूत और नुकिला करने के लिए और ....अच्छे क्वालिटी के आयरन की आवश्यकता होती थी और यह अच्छे क्वालिटी के आयरन #गोंडवाना बेल...

गोंडो की उत्पत्ति अमूरकोट (अमरकंटक) को माना जाता है वीडियो देखिए ओर बताइए कैसा लगा गोंडो-की-उत्पत्ति-अमूरकोट-(अमरकंटक)-को-माना-जाता-है

  सभी सगा को सेवा जोहार आज के इस वीडियो में आपको एक बहतर जानकारी देखने को मिलेगी आखिर क्यों गोंडो की उत्पत्ति अमूरकोट (अमरकंटक) को माना जाता है वीडियो देखिए ओर बताइए कैसा लगा / जानकारी अच्छी लगे तो वीडियो को लाइक शेयर जरूर करिएगा ओर चैनल को सब्सक्राइब करना नहीं भूलिएगा । जोहार वीडियो लिंक https://openinapp.co/aaogondwanakojaane

शंभू नरका कोइतूर समाज का एक महत्त्वपूर्ण और महान पंडुम : डॉ सूरज धुर्वे

शंभू नरका कोइतूर समाज का एक महत्त्वपूर्ण और महान पंडुम : डॉ सूरज धुर्वे कोइतूर परंपरा में सभी पाबुन पंडुम किसी न किसी उद्देश्य के प्रति लोगों को जागरूक और  ज्ञानवान बनाने के लिए मनाए जाते है। जो त्योहार परेवा से पूर्णिमा तक मनाए जाते हैं उन्हे पाबुन और जो परेवा से अमावस्या तक मनाए जाते हैं उन्हे पंडुम कहते हैं।  समस्त कोयावंशियों (कोइतूरों) में माघ पूर्णिमा के तेरहवें दिन एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण पंडुम मनाया जाता है जिसे शंभू शेक नरका कहते हैं। शंभू शेक नरका को शंभू के जगाने की रात या शंभू जागरण की रात्रि के रूप में भी जाना जाता है। महाराष्ट्र में इस त्योहार को “संभू जगेली नरका” के नाम से मनाया जाता है। उत्तर भारत में इस त्योहार को महा शिवरात्रि कहते हैं और इसे हिन्दू लोग भी बड़े धूम से मानते हैं।   अब प्रश्न आता है है की यह शंभू शेक कौन थे ? ये शंभू शेक नरका त्योहार क्यूँ मनाया जाता है?  कोयामुरी द्वीप (भारत) में जब से आर्य आए तब से उन्होने आज तक के समय को चार भागों में बांटा है जैसे सबसे पहला काल खंड सतयुग, दूसरा काल खंड त्रेता, तीसरा काल खंड द्वापर और चौथा आधुन...

"#पिट्टे" मतलब #गोंडी लैग्वेज में *चिड़िया " ... गोंडी लैग्वेज में गीत के लिए शब्द है "#पाटा" और " कहानी" के लिए शब्द है "#पिट्टो" .... अर्थात जो प्रकृति की कहानी बताती है वह जीव "पिट्टे" कहलाता है

GBBC:- The Great Backyard Bird Count-2022   (18 से 21 फरवरी 2022 तक)  "#पिट्टे" मतलब #गोंडी लैग्वेज में *चिड़िया " ... गोंडी लैग्वेज में गीत के लिए शब्द है "#पाटा" और " कहानी"  के लिए शब्द है "#पिट्टो" .... अर्थात जो प्रकृति की कहानी बताती है वह जीव "पिट्टे" कहलाता है....        है न रोचक... ऐसी ही है  पृथ्वी की इस पहली भाषा का रहस्य... ज्ञान से भरपूर है  प्रकृति के पुजारियों हम इण्डीजीनसो की  भाषा.... #पिट्टे याने चिड़िया याने "Birds "  की दुनिया में लगभग 10,000 प्रकार की प्रजाति का होना वैज्ञानिकों के द्वारा बताया गया है इनमें से भारत में लगभग 1300  प्रकार के पाऐ जाते हैं..वंही छत्तीसगढ़ राज्य में भी 400 से अधिक प्रजातियों के पक्षी पाये गये हैं ! . चूकिं  पक्षियो की कुछ प्रजातियों को हम #कोयतोरो(Indigenous) ने टोटम भी बनाया है... पेन पुरखों की तरह पुजनीय भी बनाया है... महान वैज्ञानिक #पहांदी_पारी_कुपार_लिंगों व महान मौसम गणनाकार...

betul jile ki kuch atihashic dharohar

  ग्राम शेरगढ़ में 150 मीटर ऊंची पहाड़ी पर प्राचीन किला बना हुआ है। देखरेख के अभाव में किला खंडहर हो चुका है। हालांकि अभी भी किला मजबूत दीवारों पर खड़ा है। इसके बाद भी प्राचीन किले का अस्तित्व बचाने को लेकर कोई कदम नहीं उठाए जा रहे। ऐसे में अब ग्रामीणों ने इस किले के जिर्णाद्धार की मांग उठाई है। किले के पास स्थित वर्धा नदी पर जल संसाधन विभाग डेम का निर्माण कर रहा है। ग्रामीणों का कहना है डेम के साथ किले का भी जिर्णाद्धार हो जाएगा तो यह पर्यटन स्थल बन जाएगा। ग्रामीणों ने बताया खसरा नंबर 485, 486 और 487 शासकीय भूमि 8.251 हेक्टेयर किले के नाम दर्ज है। किले के पिछले हिस्से में पहाड़ी के नीचे कुछ दिनों पहले डेम निर्माण करने वाले ठेकेदार ने मशीन से खुदाई कर रास्ता बनाया है। ग्रामीणों को डर है ठेकेदार पहाड़ी को नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में ग्रामीणों ने पहाड़ी और किले को किसी प्रकार का नुकसान नहीं हो, इसके लिए जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को भी अवगत कराया है। जल संसाधान उपसंभाग के उपयंत्री सी. पाठे कर ने बताया ठेकेदार ने पहाड़ी से दूर मार्ग का निर्माण किया है। पहाड़ी को किसी प्रकार का नुकसान नह...