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"#पिट्टे" मतलब #गोंडी लैग्वेज में *चिड़िया " ... गोंडी लैग्वेज में गीत के लिए शब्द है "#पाटा" और " कहानी" के लिए शब्द है "#पिट्टो" .... अर्थात जो प्रकृति की कहानी बताती है वह जीव "पिट्टे" कहलाता है

GBBC:- The Great Backyard Bird Count-2022 
(18 से 21 फरवरी 2022 तक) 
"#पिट्टे" मतलब #गोंडी लैग्वेज में *चिड़िया " ... गोंडी लैग्वेज में गीत के लिए शब्द है "#पाटा" और " कहानी"  के लिए शब्द है "#पिट्टो" .... अर्थात जो प्रकृति की कहानी बताती है वह जीव "पिट्टे" कहलाता है....





 
 









 
 है न रोचक... ऐसी ही है  पृथ्वी की इस पहली भाषा का रहस्य... ज्ञान से भरपूर है  प्रकृति के पुजारियों हम इण्डीजीनसो की  भाषा.... #पिट्टे याने चिड़िया याने "Birds "  की दुनिया में लगभग 10,000 प्रकार की प्रजाति का होना वैज्ञानिकों के द्वारा बताया गया है इनमें से भारत में लगभग 1300  प्रकार के पाऐ जाते हैं..वंही छत्तीसगढ़ राज्य में भी 400 से अधिक प्रजातियों के पक्षी पाये गये हैं !

. चूकिं  पक्षियो की कुछ प्रजातियों को हम #कोयतोरो(Indigenous) ने टोटम भी बनाया है... पेन पुरखों की तरह पुजनीय भी बनाया है... महान वैज्ञानिक #पहांदी_पारी_कुपार_लिंगों व महान मौसम गणनाकार  #बीमालिंगों ने चिड़ियों के व्यवहार के आधार पर मौसम परिवर्तन के सटीक अनुमान के कई तकनीक विकसित किये थे  #गोटुल_एजुकेशन सिस्टम में हजारों सालों से पक्षियों का विशेष सिलेबस आधारित विषय लगातार पढ़ाया जाता रहा है...गोटुल के स्टुडेंट् लया लयोरो के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण पक्षी है "#पाहडोड़ पिट्टे" ... जो मौसम की सटीक सुचना देने वाली..जंगल के राजा बाघ को भी विचलित/परेशान करने वाली ...शाकाहारी जीवों को शिकारियों से बचाने वाला मसीहा... काले रंग का यह पक्षी जिस पर लंबी सुंदर पुछ.... पुछ  इतना सुंदर की गोटुल के युवा जब गोटुल एजुकेशन सिस्टम में ज्ञान से पारंगत होने लगते है तो वे अपने पगड़ी के चोटी पर ससम्मान लगाते है...यह कलगी प्रतीक है सर्वोच्च सम्मान का... ज्ञान के खोज की ललक का...जंगल के  रक्षक का ...  इसलिए हड़प्पा सभ्यता से मिले सिंगमुहर याने #कोकट्टा में भी इसी पक्षी के पंखों का इस्तेमाल किया जाता था और वर्तमान में भी यह क्रम मध्य भारत में जारी है.. इसलिए इस *पाहडोड़" चिड़िया को मध्य भारत में भीमा लिंगों के नाम पर
#बीमल_पिट्टे... याने "बीमा लिंगों का पिट्टे " भी कहा जाता है... दुनिया इसे #greater_racket_tailed_drongo (Dicrurus paradiseus) के नाम से जानती है! 
पक्षियों का सतत् अध्ययन अवलोकन  पृथ्वी के जैवविविधता को बचाऐं रखने के लिए अति आवश्यक है और इस अध्ययन को गोंडी लैग्वेज जैसे इंडिजीनस भाषाओं में करना और भी रोचक... किसी ज्ञान के सागर में गोता लगाने जैसा.... कल विश्व पक्षी गणना सप्ताह का पहला दिन था व्यस्त निजी कार्यक्रमों के बावजूद मेरे लिए यह दिन पक्षियों के अध्ययन में बिता.....आगे तीन दिन और है.....यह हम सभी के लिए एक शानदार अवसर  है की हम भी पृथ्वी पर प्रकृति को बचाने के लिए एक छोटा योगदान दे सके.... यह हम मानवों के लिए सही मायने की मानवता होगी! 
     खैर दिनांक 18 फरवरी से 21 फरवरी तक हम अपने आसपास जो भी चिड़िया देखते हैं चाहे अनाज खाने वाली हो...फुलों का रस चुसने वाले पक्षी हो, चाहे शिकार कर खाने वाले चिड़िया हो..चाहे पानी में हो या चाहे आकाश की ऊंचाई पर गोता लगाने वाली चिड़िया हो....उसे अपने मोबाइल लोकेशन व समय के साथ नोट करते जाइए... एक #Ebird app है उसे गुगल प्ले स्टोर से डाऊनलोड कर एप खोलकर उसमें सुचीबद्ध करते जाइए... यदि तकनीकी दिक्कत आ रही है तो आप नीचे दिए तरीके से नोटकर  हमें इसी पोस्ट पर या वाटसअप पर भी भेज भी सकते हैं .... इसमें आप स्थानीय नाम  (गोंडी/कोया/हल्बी/संथाली/भीली/कुड़ुख आदि भाषाओं) में भी इंगित करके भेज सकते हैं स्थानीय नाम बहुत महत्वपूर्ण है कभी कभी उनके नाम से ही हम उस एरिया के भौगोलिक पर्यावरणीय परिस्थितियों को भी अनुमान लगा सकते  है.... उदाहरण के लिए एक छोटी चिड़िया है "वीजा पिट्टे" जिसका अर्थ होता है "बीज चिड़िया" अर्थात जब यह चिड़िया "$$$वंजीग वितति...वंजीग वितति"$$$( धान कब बोओगे ..धान कब बोओगे)ऐसा गाने लगती है .. तो किसान अपने खेतों में धान बोना शुरू कर देते हैं... और आश्चर्य की मानसुन की झमाझम दस्तक भी शुरू हो जाती है... 
   गोंडी गीत को "पाटा " कहा जाता है इसमें सैकड़ों गीत ऐसे है जिसमें पक्षियों का जिक्र आता है अनेक गीतों (पाटा)/कहानियों (पिट्टो) से हम मानव सभ्यता के विकास क्रम को भी समझ सकते हैं ऐसे ही एक गीत में मलपिट्टे (मयुर), पुराल पिट्टे (Dave  bird की एक प्रजाति) और उसीर पिट्टे (Indian Robin bird )  के अंडे (मेंज) के आकार के आधार पर मृदभांड निर्माण तकनीक(मिट्टी के बर्तन निर्माण तकनीक) के क्रमिक विकास का वर्णन किया गया है.!  इसी  तरह पुरे गोंडवाना भू भाग में एक विशिष्ट प्रकार का नृत्य प्रचलित है जिसमें अंनत कहानियों /जानकारियों को  अर्थात "पिट्टो " को  लगातार नृत्य गीत के साथ गाया जाता है .... इस नृत्य का एक विशिष्ट व दुनिया के अदभुत चिड़िया के नाम पर  "रेला नृत्य" कहा जाता है. .. रेला नृत्य का नामाकरण गोटुल एजुकेशन सिस्टम के खोजकर्ता महान वैज्ञानिक पेन पुरखा पहांदी पारी कुपार लिंगों ने किया था.... "द मारिया मुरिया एंड देयर गोटुल"  के लेखक वैरियर एल्विन लिखते हैं कि "रेला नृत्य का न आदि है न अंत है... इसकी कहानियाँ कभी खत्म नही होती "...... रेला पिट्टे याने रेला चिड़िया.... जिसे हम " बया चिड़िया "( Baya weaver ) के नाम से जानते हैं... जो कि अपने बारिकी से डिजाइन किए गए शानदार लटकते एयरकडिशंन घोसलों के लिए जाने जाते हैं...इसने मानव सभ्यता विकास क्रम में बुनाई के तकनीक कि खोज को प्रेरित किया. यह पक्षी भी इकोसिस्टम के बारिक विचलनों को संकेत करता है जिसका उपयोग कर लिंगों पेन ने मानवता के लिए उपयोगी जानकारियों की एक श्रृंखला बनायी जिसे हम "रेला पाटा " याने रेला गीत कहते हैं...... अर्थात एक बार और... पिट्टे मतलब पक्षी.... पिट्टो मतलब जानकारियों की श्रृंखला..... रेला पाटा याने अंनत जानकारियों की गीत नुमा श्रृंखला..... रेला पिट्टे यानी बया पक्षी... है ना अदभुत!!!! 
       इस तरह स्थानीय लैंग्वेज में पक्षियों की गणना करना बहुत ही रोचक तथ्यों से परिचित होना भी  है... बस्तर संभाग वनों से आच्छादित भूभाग है यहाँ पर बहुत ही दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों का भी बसेरा है आगामी तीन दिनों में आप सभी का सम्मिलित प्रयास पक्षी वैज्ञानिकों को बहुत से तथ्यो को उजागर करने में सहयोग करेगा....  पर्यावरणीय बदलाव ,मसलन फसल चक्र परिवर्तन, मानवीय गतिविधियों, किसी एक वनस्पति या जीव के कारण पुरे पारिस्थितिकी तंत्र पर पड़ने वाले प्रभाव आदि अनेक तथ्यों को भी समझने में आसानी होगी... उम्मीद है कोया पुनेम  के सुत्र वाक्य "जीवा परो जीवा पिसायलता "(एक जीव का जीवन दुसरे जीव पर निर्भर करता है) के सुत्र वाक्य को समझते हुऐ.... "पिट्टे"(पक्षी) के "पिट्टो(कहानी) को समझने के इस वैश्विक प्रयास में आप भी भागीदार बनेगें.... [नीचे ईबर्ड एप्प के डाऊनलोड करने के सरलतम चरण, एप पर नहीं करने की स्थिति में सीधे भरकर भेजने के लिए एक फार्मेट, 
कुछ पक्षियों की सूची, आदि को पोस्ट कर रहा हूँ...कंमेट कर बताइये की आगामी तीन दिनों तक इस अवसर पर आप भी पक्षी गणना में सम्मिलित हो रहे हैं कि नहीं????....आपके गणना के इंतजार में]]...... आप सभी को बहुत बहुत सेवा जोहार!!!! गोटुल जोहार!!!! पिट्टेंग जोहार!!!! 
[ #Narayan_markam #KbKS #Boom_gotul_university_bedmamar chhatishgath]

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