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धुर्वे परिवार ने रचा इतिहास

धुर्वे परिवार ने रचा इतिहास समुद्री तैराकी : 'एशियन बुक आफ रिकार्ड में दर्ज कराया नाम नागपुर. शहर पुलिस के म शोधक व नाशक दस्ते (बीडीडीएस) में कार्यरत सुखदेव धुर्वे ने अपने परिवार के साथ मिलकर रविवार को 16 किमी लंबी समुद्री तैराको मात्र 4 घंटे 31 मिनट में पूरी कर एशियन बुक आफ रिकार्ड्स में नाम दर्ज करवा दिया. मुंबई में एलिफेंटा से गेटवे आफ इंडिया तक यह चैलेंज पूरा करने वाला नागपुर का धुर्वे परिवार एशिया महाद्वीप का भी पहला परिवार बना इस पराक्रम में सुखदेव की पत्नी वैशाली (38), बेटा सार्थक (18) और नन्ही बेटी तन्वी (१) ने उनका साथ निभाया. इस दौरान एशियन बुक आफ रिकार्ड के डा. संदीप सिंह, महाराष्ट्र स्टेट एमेच्योर स्विमिंग एसोसिएशन के निरीक्षक सुनील मयेकर व नील लबडे, पूर्व उपजिलाधिकारी व स्व. वामनराव दिवे चेरिटेबल ट्रस्ट के मार्गदर्शक सुधीर दिवे, अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षक संजय बाटवे, धनश्री दिवे, मुंबई पुलिस के डीआईजी कृष्णप्रकाश आदि की उपस्थिति रही. हौसले के बिना संभव नहीं था: सुखदेव ।  अपने परिवार की इस ऐतिहासिक सफलता पर सुखदेव धुर्वे ने कहा कि मुझे और मेरे परिवार को इस परा...

एक कदम शिक्षा की ओर मिशन में दे सभी सहयोग

एक कदम शिक्षा की ओर मिशन में दे सभी सहयोग Tribes TV बैतूल, संसार के प्रसिद्ध व्यक्तियों ने अपने प्रेरणादायी कार्यों से लोगों के सोचने के नजरिए को न सिर्फ बदला है, बल्कि समाज को एक नई दिशा भी दी है। इसी दिशा में आठनेर क्षेत्र के शिक्षक लक्ष्मण अहाके से गांव में शिक्षा के स्तर को बेहतर करने लिए एक कदम शिक्षा की ओर के नाम से शुरूआत की है। गांव के प्रत्येक व्यक्ति के द्वारा गांव के बच्चों को प्रतिदिन 1 घंटे का समय निकाल कर पढ़ाया जाता हैं। नसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे है। समस्त ग्राम वासियों के द्वारा शिक्षा के लिए करियर मार्गदर्शन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर डॉ. राजा धुर्वे ने कहा कि यदि कोई भी व्यक्ति एक लक्ष्य बना कर मेहनत करता है तो उन्हें सफलता जल्दी मिल जाती हैं। यदि आपसे पूछा जाए की आपने अपने लिए कोई लक्ष्य निर्धारित कर रखे हैं तो आपके सिर्फ दो जवाब हो सकते हैं हा या नहीं। अगर आपका जवाब हा है तो यह तो बहुत अच्छी बात है, क्योंकि अधिकतर लोग तो बिना किसी लक्ष्य के अपनी जिंदगी बिता रहे हैं और आप बेहतर स्थिति में है। पर यदि आपका उत्तर नहीं है. तो भी चिंता की बात नह...

मदिरापान आदिवासी समाज के विकास में बाधा: डॉ. राजा धुर्वे

मदिरापान आदिवासी समाज के विकास में बाधा: डॉ. राजा धुर्वे Tribes TV , बैतूल मेडिटेक कैरियर इंस्टीट्यूट के संचालक बैतूल ब्लॉक के घाना रायपुर गांव में आदिवासी समाज के मेले में पहुंचे। इस दौरान शिक्षा में सेमिनार देते हुए डॉ. राजा धुर्वे ने घाना रायपुर में आदिवासी समाज को शिक्षा के साथ-साथ जीवन जीने में सबसे बड़ी बाधा मदिरापान को बताया। इस दौरान श्री धुर्वे ने आदिवासी लड़कियों के साथ होने वाले शोषण पर जोर देते हुए कहा कि लड़कियां अगर गांव से पढने शहर को जाती है तो वे पहली प्राथमिकता शिक्षा को दे और अपनी आवश्कता कम रखे। गलत लोगों की संगति में ना पड़े। वहीं आज कीयुवा पीढ़ी मदिरापान से दूर रहे। दूसरों से किसी भी प्रकार के कर्जे न ले। अपनी आवश्कता को समझकर जीवन यापन करे। पालकों को विशेष जोर देते हुए कहा कि अपने बच्चों की शिक्षा को बेहतर बनाने में सहियोग दे। इस अवसर पर हेमलाल उइके ने समाज को अपनी संस्कृति, अपनी बोली, भाषा बनाए रखने पर जोर दिया। कार्यक्रम में डॉ. राजा धुर्वे के साथ गायक मुकेश धुर्वे, परेश मर्सकोले, विकास अहाके उपस्थित थे।

पहांदीपरी कुपार लिंगो का बचपन (गोंडी पुनेम साथ)पहांदीपरी

पहांदीपरी कुपार लिंगो का बचपन कुपार लिंगो के बचपन के बारे में कोया पुनेमी कथासारों, पुनेमी गीतों तथा लोक गीतों में ज्यादा जानकारी नहीं मिलती। फिर भी ऐसा बताया गया कि वह बचपन से ही बहुत तीक्ष्ण बौध्दिक शक्ति का धनी था। किसी भी बात को उसे दो बार समझाने की जरुरत नहीं होती थी। उस वक्त के रीति रिवाजों के अनुसार उसकी पढ़ाई की व्यवस्था राजमहल में ही की गई। कोयला मोदी भुमका उसे पढ़ाया करता था। बहुत कम उम्र में ही सभी प्रकार का ज्ञान उसने ग्रहण कर लिया था। एक राजकुमार को जिस प्रकार के प्रशिक्षण की आवश्यकता होती हैं, वह उसे प्रदान किया गया। बाल्यावस्था से ही वह अपने पिताजी के कामकाज में हाथ बढ़ाया करता था। कोया पुनेम कथासारों के अनुसार पुलशीव का गण्डराज्य बहुत ही छोटा था। उसके इर्दगिर्द हर्वाकोट, मुर्वाकोट, सिर्वाकोट, आदि गण्डराज्य थे। उस परिक्षेत्र में युम्मा, गुनगा, सुलजा, घागरी, सिंद्राली, बिंदरा आदि नदियां प्रवाहित थी। वर्तमान में उनके नाम क्या हैं यह एक संशोधन का विषय है, और इस बिन्दू पर शोधपूर्ण अध्ययन गोंडवाना कोट दर्शन में लिपिबध्द किया जा चुका है। कोया वंशीय गोंडी गोंदोला के सगावेन गण्ड...

दुनिया को आदीवासीयो कुछ सीखना चाहिए Dr. Raja Dhurve

दुनिया को आदीवासीयो कुछ सीखना चाहिए आदिवासी अंचल के किसान ने अपनी मेहनत से बेटों को बनाया क़ाबिल पिता से मिले संस्कारों की बदौलत बेटा सवार रहा हज़ारों ग़रीब बच्चों का भविष्य बैतूल, देशबन्धु ।  जीवन में माँ का स्थान कोई नहीं ले सकता ये तो हम सभी जानते हैं। लेकिन पिता की भूमिका दिखाई भले ही कम दे लेकिन उस भूमिका के बगैर हमारा जीवन ही अधूरा रह जाएगा। यूँ तो ऐसे लाखों पिता होंगे जिन्होंने अथक परिश्रम और त्याग करके अपने बच्चों का जीवन संवारा होगा लेकिन आज हम बात करेंगे बैतूल के एक आदिवासी शख्स की जिन्होंने नंगे पांव घूम घूम कर लोगों की सेवा की। खुद कभी सुख सुविधाओं का लालच नहीं किया लेकिन अपने चार बेटों को इतना काबिल बना दिया कि वो अपने और समाज के लिए कुछ कर सकने काबिल बन गए। तो ये कहानी है वैतूल के चिचोली ब्लॉक के छोटे से गांव असाढ़ी निवासी मन्नासिंह धुर्वे की जिनका मूल पेशा जड़ी बूटियों के माध्यम से लोगों का इलाज करना है। सुनने में ये एक सामान्य बात लगती है लेकिन ऐसा नहीं है।  मन्नासिंह धुर्वे जड़ी बूटियों के जानकार होने के बावजूद लोगों का निःशुल्क इलाज करत...

stock market kya hai

*  S tock market kya hai ? stock market ek aisa market hai jisme paisa laga ke paisa kama sakte stock market me alag alag company ke hissa hota jinhe share kahte aur ye hisa jab company ipo ke liye listed hoti hai to apne total create share ko ipo me launch karte ham ipo se un companiyo ke share khareed kar share market me paisa invest kar sakte vaise ipo asaani se nahi milta. iske alava ham jab company market listed hoti hai tab bhi ham us company ke share khareed sakte aur share market me paisa lagga ke income kar sakte hamare desh me do stacks market hai jo NSE aur BSE hai jinme company listed hoti aur fir market me share khreed bhej sakte  * Stock market me invest kaise kaare ?   Stock market me invest karne  ke liye apke pass ek demat account hona chahiye jo neeche diye gaye hai in brokar ke sath aap apka demate account open kar sakte hai jo poora process online hota apko demat account open karne ke liye apko teen cheejo ki jaroorat hogee jo neeche listed h...

कुपार लिंगो का जन्म

कुपार लिंगो का जन्मम Handipari kuppar lingo koituro ka pratham guru #(पहांदीपारी कुपार लिंगों) पारी कुपार लिंगो के जन्म के बारे में कोया वंशीय गोंडी गोंदाला के सगावेन गण्डजीवों में अनेक तरह की किवदन्तियां प्रचलित है। उनमें से चंद्रपुर, अदिलाबाद, वारंगल, इस्टगोदावरी और बस्तर परिक्षेत्र में जो कथासार प्रचलित है उसके अनुसार गोंडी पुनेम मुठवा पहांदी पारी कुपार लिंगो का जन्म "कोया पुंगार" से हुआ है, ऐसी जानकारी मिलती है। ठीक ऐसा ही कथासार डॉ. हेमन्डॉर्क के “दी राजगोंडस् ऑफ अदिलाबाद" इस किताब में भी वर्णित है । मुह जबानी कथासारों के अनुसार, एक बार हीर्बा दाई को पेण्डूर गंगा में जलविहार करने की इच्छा हुई। पेण्डूर मेट्टा सें पेण्डूर गंगा का उद्गम होकर वह पुर्वाकोट गण्डराज्य से बहती थी, जिसके बहते पानी में जलविहार करने हीब माता अपने सेविकाओं के साथ गई। नदी किनारे एक पेड़ की छांव तले अपने वस्त्रादि उतारकर वह नदी के प्रवाह में जलविहार करने उतर गई। उसे नदी केेप्रवाह में हो गया। एक सुंदर "कोया पुंगार" बहता हुआ दृष्टिगोचर हुआ। उसे पकड़ने हेतु हीर्बा माता तैरते हुए बीच प्रवाह...