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*गुरू -ज्ञान-गनतव्य-बिना -हमारी शिक्षा व संस्कृति अधूरी हैं।।

*गुरू -ज्ञान-गनतव्य-बिना -हमारी शिक्षा व संस्कृति अधूरी हैं।।*
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हम केवल पुस्तक पढकर शिक्षित हुऐ है-लेकिन मित्रों हमारे समाज के साहित्य हमको पुनः पढना पडेगा,तो ही आने वाले पीढी को हम कुछ दे पायेगे।।हमे निम्न साहित्यों का अध्ययन करना पडेगा।
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*पढोगे तो जानोगे-जानोगे तो मानोगे*
(1)-भारत का संविधान।
(2)-पारी कुपार लिंगो गोंडी पुनेम दर्शन।
(3)-भारतीय मूल के प्राचीन गौरव-महाराजा बलि ओर उसका वंश।
(4)-माता पिता की सेवा का सुखद परिणाम।
(5)-मूलनिवासियों की रक्षा करने वाला रक्षराज महाराजा रावण को मत जलाओं।
(6)-आदीवासी हिन्दू नही हैं।
(7)-बस्तर हत्याकांड1966 महाराजा प्रवीरचंद भंजदेव की शहादत।
(8)-कोयान्ट पुनेम पुयसावरी ता गढ(कोया-भाषा-धर्म-संस्कृति का जन्म स्थल)।
(9)-गोंडवाना संस्कृति -दर्शन।
(10)-कोयामर्री गोण्डी पल्लो करियाट।
(11)-रूढीप्रथा ,अनासकाल से आदिवासियों की परम्पराऐ-स्वशासन एवं ऐतिहासिक संवैधानिक जानकारी।
(12)परम पराक्रमी-राक्षसराज रावण ।
(13)-गणतंत्र के जनक कोयतूर (गोंड)।
(14)-अंट्रासिटी अक्ट-अनुसूचित जाति अत्याचार निवारण।
(15)-आरक्षण भिक नही-प्रतिनिधित्व हैं।
(16)-गोंडी भाषा तथा भाषा रचना।
(17)-नये संकल्प -नर्ई ऊंर्जा।
(18)-मध्यप्रदेश के गोंड राज्य।
(19)-तीसरी आजादी की सिह गर्जना।
(20)-विरासत की आदिवासी गोंडी कहानियां।
(21)-सैंधवी लिपि का गोंडी में उदवाचन।
(22)-गोंडवाना का सांस्कृतिक इतिहास।
(23)-हरिजन कौन ओर कैसे।
(24)-मनुस्मृति क्यों जलाई गर्ई।
(25)-रानी दुर्गावती का इतिहास।
(26)-आदिवासियों की समस्याऐ अगर राजनीतिक हैं,तो इसका मतलब है समाधान भी राजनीतिक ही होगा।
(27)-सडा बुसा ओर बंद दिमाक।
(28)-गोडनांग सुर्याल भिडार पुनमाड (गोंडो का मूल निवास स्थल परिचय)।
(29)-गोंडवाना भूमंडल।
(30)-कोयाट लम्बेज की उत्पत्ति एवं विकास ।
(31)-गोंडवाना को जाने क्यों।
(32)-गोडियन गाथा का सांस्कृतिक भेद।
(33)-राजा संग्रामशाह से लेकर सुमेरशाह तक का इतिहास।
(34)-52गढ57परगना है वीर भूमि गोंडवाना।
(35)-पेशा कानून।
(36)-पांचवी अनुसूचि/छटी अनुसूचि।
(37)-गोंडवाना सामान्य ज्ञान।
(38)-गोंड जाति का सामाजिक अध्ययन।
(39)-गोंडवाना नेग-सेग-दस्तूर एक खोज।
         यादि यादि साहित्यों का अध्ययन करना जरूरी हैं।अन्यथा हम मनुवादी-आर्याव्रतो के पुस्तक -साहित्य-पत्र पत्रिकाऐ पढकर मानसिक रूप से गुलाम हो रहे हैं।आओं मिलकर समाज के लिऐ कुछ करें,जिससे समाज के अस्तित्व बचाया जा सकें।

          सादर जोहार
      *राधेशाह मरावी*
      मों 9340689228

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