*गोंड /गोंडी /पारसी से संबंधित रोचक बातें आप भी पढ़ें और जानें* "गोंड"शब्द की उत्पत्ति तथा संरचना : ___________अलग अलग लेख है,क्या सही हैं,क्या ग़लत है,आइए पढ़कर तर्क करते हैं।•••••• रसायनशास्त्र में सांकेतिक भाषाका अधिकतर उपयोग किया जाता है। जैसे:-H2O= पाणी,निर,येर अर्थ-Hydrogen का 'H'दो-तत्व Oxygen के 'O'एक तत्व के साथ मिलकर पाणी के कारण निर्माण करते है। उसी प्रकार 'गोंड'शब्द का यौगिक अर्थ है। इस शब्द का विच्छेद करने पर कारक तत्वोंका जो स्वरूप मिलता है,वह इस प्रकार है : गोंड=ग+अ+उ+न+ड,यह पञ्चतत्व ! 'ग'=गगन-आकाश(Open Space), 'अ'=आँधी/तूफानी हवा(Air,Wind), 'उ'=ऊष्मा/तापशक्ति(Energy,Heat), 'न'=नीर/ जल(water,Liquid), 'डी'=डीह/थाना/दाई -माई की धरती माता (Earth,Surface,Solid) संरचना देखिये। ऊपरी तत्व क्रमवार बदलते है। 'ग',खुला आकाश-कोई भी तत्व खुली जगह के बिना रह नहीं सकता ! किसी भी कण के न्यूनतम अंश हो या पृष्टभाग,खुली जगह आवश्यक होती ही है ! 'अ',आँधी -जब तक श्वसन क्रिया सक्रीय है प्राणी का जी...
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