GONDWANA
गोंडवाना
पेंजिया भू भाग |
सबसे पहले धरती पे पेंजिया भू भाग का निर्माण हुआ जो उत्तर से दक्षिण तक फैला था और ये एक ही भाग था समय गुजरता गया (लगभग २०० लाख साल पहले ) पेंजिया भू भाग का विभाजन हुआ जो दो भागो मे विभाजित हुआ पहले भाग को गोंडवाना लैंड तथा दूसरे भाग को लूरसिया लैंड कहा जाता था इन दोनों लैंड के बीच में टैथिस सागर था और उत्तर में लुरसिया और दक्षिण में गोंडवाना बाद में इनके विभाजन होकर अभी के सारे महाद्वीप बने हैं
गोंडवाना लैंड से विभाजित होकर भारत की प्लेटें मतलब निकली प्लेटें परिवर्तन होते होते होते वह आकर रसिया से ऐलू रसिया से आकर जुड़ गया और यह गोंडवाना से डिवाइड हो गया गोंडवाना से जितने भी महाद्वीप डिवाइड हुए हैं वह सभी में जनजाति निवास करते हैं और आज गोंडवाना से डिवाइड होकर एंड ऑस्ट्रेलिया और भारत श्रीलंका अफ्रीका दक्षिण अमेरिका यह सभी अलग अलग हो गए हैं लेकिन इनमें भी ऐसी ऐसी जनजातियां पाए जाते हैं जो सिर्फ प्राकृतिक प्रकृति को पूछते हैं आज इन महाद्वीपों की भौगोलिक स्थिति बहुत अलग है
तो गोंडवाना लैंड में रहने वाले सभी लोग जनजाति रूप में उपस्थित है और यह सभी जनजाति जो प्रकृति के अनुकूल ही जीना पसंद करते हैं यह सभी आदिवासी कहलाते हैं जो आज भी कोई भी डेवलपमेंट नहीं चाहते हैं जिस प्रकार इस पृथ्वी को बचाए रखने में बहुत मदद करता है तथा पृथ्वी की इनकी हर एक एक्टिविटी प्राकृतिक रूप से उसी के अनुकूल होता है जिन आदिवासियों को प्राकृतिक पूजक के नाम से जानते हैं क्योंकि यह सिर्फ प्रकृति की पूजा करते हैं किसी गॉड भगवान की नहीं करते हैं वो किसी एक प्राकृतिक चीज को अपना गॉड कहकर उसी की पूजा करते इसमें कुछ जीव है कुछ जंगली जीव है और कुछ पौधे जिनको वह अपने पूज्यनीय मानकर उनकी पूजा करते हैं और अपना जीवन यापन बहुत ही सरल सिंपल तरीके से करते हैं क्योंकि इन्हें बाहरी लोगों से या बाहरी दुनिया से कोई मतलब नहीं होता है लेकिन आज सभी आदिवासियों को अन्य समाज या फिर अन्य दूसरे लोगों द्वारा काफी संक्रमित कर दिया गया है जिससे सभी आदिवासी संक्रमित होकर और दूसरों के कल्चर के लोगों के साथ रहकर अपने आप को बदल चुके हैं आज आज के युग में गोंडवाना नाम से सिर्फ भारत में ही गोंड जनजाति पाई जाती है जो सेंट्रल भारत में राज करते थे और आज वहां पर विलुप्त हो कर रह गए हैं क्योंकि यहां पर अन्य लोगों से संक्रमित होकर भी अपने आप को परिवर्तन करने में लगे हुए हैं और गोंडवाना शब्द आज भी उनके साथ जीवित है और उसी गोंडी कल्चर के अनुसार उनके यहां पर हर एक चीज होती है
गोंडवाना शब्द आज भारत में मध्य प्रदेश महाराष्ट्र तेलंगाना छत्तीसगढ़ उड़ीसा उत्तर प्रदेश इन सभी राज्यों में गुण लोग निवास करते हैं जो गोंडवाना सब को बहुत मानते हुए आगे इस पर कार्य कर रहे हैं साथ में गुंडी समुदाय समुदायिक की भाषा और उसकी कल्चर को सेव करने में लगे हैं यह पोस्ट आज मैं 2018 में कर रहा हूं जो इस पोस्ट को पब्लिश करने के लिए मैं लोगों को जानकारी देना चाहता हूं इसीलिए इसे पब्लिक कर रहा हूं
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