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गिन्नौरगढ़ दुर्ग और रानी कमलापति सलाम गोंडवाना का पूरा इतिहास







Ginnorgarh fort




गोंडवाना साम्राज्य के गिन्नौरगढ़ दुर्ग के इतिहास के बारे में जानकारी बताऊंगा
कहनी-------
गोंडवाना के रियासत में गिन्नौर गढ़ किले का निर्माण 13वीं शताब्दी में हुआ था जिसे गोंड वंश के महाराज उदय वर्धन सहा सलाम ने बनवाया था

इसके बाद यहां पर निरंतर गोंडो का शासन था जो जो 18वीं शताब्दी तक चला
गिन्नौरगढ़ दुर्ग में 17 वी शताब्दी के समय राजा निजाम शाह सलाम का शासन था

राजा निजाम शाह सलाम की 7 पत्नियां थी

जो इन में से सातवीं पत्नी थी वह बहुत सुंदर सुशील और खूबसूरत थी जिनका नाम रानी कमलापति सलाम थी गिन्नौरगढ़ भोपाल शहर से पूर्व की ओर 55 किलोमीटर दूर  रायसेन जिले में स्थित है

जिसके कारण निजाम शाह सलाम के भतीजे जिनका नाम चैन सिंह साह सलाम था

उन्होंने अपने चाचा को बहुत बार जान से मारने की कोशिश की लेकिन मार नहीं सका तो उन्होंने नया जाल रचा फिर उन्होंने दावत में बुलाकर उन्हें जहर देकर मार दिया

निजाम शाह सलाम की मृत्यु के पश्चात रानी कमलापति खतरे में आ चुकी थी

इन्होंने अपने आपको बचाने के लिए और अपने पुत्र नवल साह सलाम को बचाने के लिए कुछ समय गिन्नोर गढ़ किले में छिपकर रहे

 और उसके बाद वहां से निकलकर भोपाल आ चुके थे जिस समय भोपाल का नाम भूपाल था वहां रानी

इस्लाम नगर के नवाब दोस्त मोहम्मद  खान को अपना भाई बनाया और उन्हें राखी बांधी फिर उन्हें चैन सिंह से बदला लेने के लिए प्रेरित किया दोस्त मोहम्मद खान मान गए और उन्होंने चैन सिंह को अपने युद्ध में पराजित किया

उसके बाद रानी वहां पर शासन करती रही लगभग 1722 इसवी  में रानी ने भोपाल के बड़े तालाब और छोटे तालाब के बीच एक महल बनवाया और वहां पर शासन करने लगी

उस बनाया गया महल जिसका नाम  कमलापति महल रखा गया
शासन इस प्रकार ही चल रहा था

की रानी के सुंदरता  के चर्चा अफगान में होने लगी थी जिससे अफगान के शासक दोस्त मोहम्मद खां के रिश्तेदार थे

तो उन्होंने अफगानी शासक का साथ दिया

और इस बात का पता रानी को चली तो वह अपने पुत्र को अफगानी शासक एवं मोहम्मद खान से युद्ध करने भेज दिया यहां युद्ध लाल घाटी में हुआ था और वह नवल साह सलाम उस युद्ध में  पराजित हो गए जब रानी को इस बात का पता चला कि उनके पुत्र अपने युद्ध में पराजित हो गए तो रानी अपने महल में बड़े तालाब का पानी भरवा कर वहीं महल के अंदर अपनी जान देदी उसके बाद वह दोस्त मोहम्मद खान का

शासन बना रहा इस तरह वहां गोंडवाना का नाम यानि साम्राज्य खत्म होता है

तो दोस्तों इस वीडियो के माध्यम से भोपाल और गिन्नौरगढ़ किले के बीच की कहानी इस प्रकार यह घटना घटी और मैं आपको बताना चाह रहा हूं कि इस चैनल को सब्सक्राइब करिए और और घंटी के सिंबल को प्रेस कीजिए ताकि आगे आने वाली नई वीडियो आपको उसका नोटिफिकेशन जल्दी से जल्द मिल सके इसी के साथ इस वीडियो को खत्म करता हूं

थैंक यू वेरी मच
जय सेवा जय गोंडवाना

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