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पारी कुपार लिंगो गोंडी पुनेम दर्शन (गोंडी पुनेम दर्शन)

   पारी कुपार लिंगो गोंडी पुनेम दर्शन (गोंडी पुनेम दर्शन) !!!!!सेवा !!!!! तमवेल्ची आसी रेकवेल्ची किम्ट!        सुयमोदी आसी सुय्मोद सिम्ट!          सगा तम्मु आसी सगा परी बिम्ट!         सेव्काया आसी सगा सेवा किम्टट!              ‌‌‌‌‌==   रुपोलंग पहदि परी कुपार लिंगो. मोदुर मोदी कोया मुटवा रूपोलंगव पारी कुपार लिंगो जंगो रायतार  काली कंकाली  अमोट मीवा सेवा ते वायतोम  ! परसा पेन सुमिरन पाटा सेवा सेवा   परसा पेन, जय जय जय सेवा । अमोट वाया सेवाते नीवा । सेवा सेवा  सजोर  पेन,  जय जय जय सेवा । अमोट वाया सेवाते नीवा । सेवा सेवा   सल्लान् पेन,  जय जय जय सेवा । अमोट वाया सेवाते नीवा । सेवा सेवा  गांगरा पेन,  जय जय जय सेवा । अमोट वाया सेवाते नीवा । सेवा सेवा  सग्गा पेन,  जय जय जय सेवा । अमोट वाया सेवाते नीवा । सेवा सेवा  पेनकडा पेन,  जय जय जय सेवा । अमोट वाया सेवाते नीवा । सेवा सेवा...

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🙏मुंडा" जयंपसंयू अरोमान "भुईया आबा बिरसा मुंडा" जनेनेटी (15 नवंबर "धरती बाबा बिरसाती🙏

  मुंडा" जयंपसंयू अरोमान "भुईया आबा बिरसा मुंडा" जनेनेटी (15 नवंबर "धरती बाबा बिरसाती🙏 बिरसा मुंडा ना जनेआयना पदारू नूर येर्सयू (1875 ) पद्क ते चुडुर नागपुर ते मुंडा बिरंदा ते आसी मत्ता। मुंडा उंदी जनजाती बिडार मत्ता वोर चुडुर नागपुर पठार ते मंदुर । बिरसा जी पनरू नूर (1900) ते मुन्नेताल मन्नेझनार्क तुन उरझेकियाना ता आरोप ते बयसी लेतुर अनी ओन रंड (2) सावरी ता डंड आसित। अनी आखरीते नरूंग (9) कोंदोमान पनरू नूर (1900) ते अंग्रेज्क ना कयदल ओन उंदी मद्दो सायना दवाय सियाना ता लयताल ओना सायना आसित। (बिरसा मुंडा का जनेआयना 1875 के दशक में छोटा नागपुर में मुंडा परिवार में हुआ था । मुंडा एक जनजातीय समूह था जो छोटा नागपुर पठार में निवास करते थे । बिरसा जी 1900 में आदिवासी लोगो को भड़काने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें 2 साल की सजा हो गई । और अंततः 9 जून 1900 मे अंग्रेजो द्वारा उन्हें एक धीमा जहर देने के कारण उनकी मौत हो गई।) मुन्ने ता पिसवार सुगना मुंडा अनी करमी हातू तोर मर्री बिरसा मुंडा ना जनेआयना पसंयू (१५) अरोमान पदारू नूर सर्सयू (१८७५) ते झारखंड प्रदेश ते राँची...

"गोंड"शब्द की उत्पत्ति तथा संरचना :

   *गोंड /गोंडी /पारसी से संबंधित रोचक बातें आप भी पढ़ें और जानें* "गोंड"शब्द की उत्पत्ति तथा संरचना : ___________अलग अलग लेख है,क्या सही हैं,क्या ग़लत है,आइए पढ़कर तर्क करते हैं।•••••• रसायनशास्त्र में सांकेतिक भाषाका अधिकतर उपयोग किया जाता है। जैसे:-H2O= पाणी,निर,येर अर्थ-Hydrogen का 'H'दो-तत्व Oxygen के 'O'एक तत्व के साथ मिलकर पाणी के कारण निर्माण करते है। उसी प्रकार 'गोंड'शब्द का यौगिक अर्थ है। इस शब्द का विच्छेद करने पर कारक तत्वोंका जो स्वरूप मिलता है,वह इस प्रकार है : गोंड=ग+अ+उ+न+ड,यह पञ्चतत्व ! 'ग'=गगन-आकाश(Open Space), 'अ'=आँधी/तूफानी हवा(Air,Wind),  'उ'=ऊष्मा/तापशक्ति(Energy,Heat), 'न'=नीर/ जल(water,Liquid),  'डी'=डीह/थाना/दाई -माई की धरती माता (Earth,Surface,Solid) संरचना देखिये।  ऊपरी तत्व क्रमवार बदलते है।  'ग',खुला आकाश-कोई भी तत्व खुली जगह के बिना रह नहीं सकता ! किसी भी कण के न्यूनतम अंश हो या पृष्टभाग,खुली जगह आवश्यक होती ही है ! 'अ',आँधी -जब तक श्वसन क्रिया सक्रीय है प्राणी का जी...