सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

how to earn money online (online paise Kaise kamaye) ऑनलाइन पैसे कैसे कमाए, पैसे कमाने के ऑनलाइन तरीके

  how to earn money online  (online paise Kaise kamaye) ऑनलाइन पैसे कैसे कमाए,    पैसे कमाने के ऑनलाइन तरीके online money earning ideas    

🙏मुंडा" जयंपसंयू अरोमान "भुईया आबा बिरसा मुंडा" जनेनेटी (15 नवंबर "धरती बाबा बिरसाती🙏

  मुंडा" जयंपसंयू अरोमान "भुईया आबा बिरसा मुंडा" जनेनेटी (15 नवंबर "धरती बाबा बिरसाती🙏 बिरसा मुंडा ना जनेआयना पदारू नूर येर्सयू (1875 ) पद्क ते चुडुर नागपुर ते मुंडा बिरंदा ते आसी मत्ता। मुंडा उंदी जनजाती बिडार मत्ता वोर चुडुर नागपुर पठार ते मंदुर । बिरसा जी पनरू नूर (1900) ते मुन्नेताल मन्नेझनार्क तुन उरझेकियाना ता आरोप ते बयसी लेतुर अनी ओन रंड (2) सावरी ता डंड आसित। अनी आखरीते नरूंग (9) कोंदोमान पनरू नूर (1900) ते अंग्रेज्क ना कयदल ओन उंदी मद्दो सायना दवाय सियाना ता लयताल ओना सायना आसित। (बिरसा मुंडा का जनेआयना 1875 के दशक में छोटा नागपुर में मुंडा परिवार में हुआ था । मुंडा एक जनजातीय समूह था जो छोटा नागपुर पठार में निवास करते थे । बिरसा जी 1900 में आदिवासी लोगो को भड़काने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें 2 साल की सजा हो गई । और अंततः 9 जून 1900 मे अंग्रेजो द्वारा उन्हें एक धीमा जहर देने के कारण उनकी मौत हो गई।) मुन्ने ता पिसवार सुगना मुंडा अनी करमी हातू तोर मर्री बिरसा मुंडा ना जनेआयना पसंयू (१५) अरोमान पदारू नूर सर्सयू (१८७५) ते झारखंड प्रदेश ते राँची...

"गोंड"शब्द की उत्पत्ति तथा संरचना :

   *गोंड /गोंडी /पारसी से संबंधित रोचक बातें आप भी पढ़ें और जानें* "गोंड"शब्द की उत्पत्ति तथा संरचना : ___________अलग अलग लेख है,क्या सही हैं,क्या ग़लत है,आइए पढ़कर तर्क करते हैं।•••••• रसायनशास्त्र में सांकेतिक भाषाका अधिकतर उपयोग किया जाता है। जैसे:-H2O= पाणी,निर,येर अर्थ-Hydrogen का 'H'दो-तत्व Oxygen के 'O'एक तत्व के साथ मिलकर पाणी के कारण निर्माण करते है। उसी प्रकार 'गोंड'शब्द का यौगिक अर्थ है। इस शब्द का विच्छेद करने पर कारक तत्वोंका जो स्वरूप मिलता है,वह इस प्रकार है : गोंड=ग+अ+उ+न+ड,यह पञ्चतत्व ! 'ग'=गगन-आकाश(Open Space), 'अ'=आँधी/तूफानी हवा(Air,Wind),  'उ'=ऊष्मा/तापशक्ति(Energy,Heat), 'न'=नीर/ जल(water,Liquid),  'डी'=डीह/थाना/दाई -माई की धरती माता (Earth,Surface,Solid) संरचना देखिये।  ऊपरी तत्व क्रमवार बदलते है।  'ग',खुला आकाश-कोई भी तत्व खुली जगह के बिना रह नहीं सकता ! किसी भी कण के न्यूनतम अंश हो या पृष्टभाग,खुली जगह आवश्यक होती ही है ! 'अ',आँधी -जब तक श्वसन क्रिया सक्रीय है प्राणी का जी...

आखाड़ी पूर्णिमा_खुट गोंगो (पुजा)

* #आखाड़ी पूर्णिमा_खुट गोंगो (पुजा) #*  जानिए....मानिए                (हमारी धरोहर_पुरखा संस्कृति) legend guru of the  gondwana                   कोया वंशीय गोंड समुदाय के गण्डजीव खुट पूजा (गोंगो) यह त्योंहर आषाढ़ माह की पुर्णिमा को मनाते है। खुट इस गोंडी शब्द का अर्थ शक्ति ऐसा होता है। प्रकृति की जितनी भी शक्तियाँ है, उन सभी की उपासना को खुट पूजा  कहा जाता है। उनकी मान्यता के अनुसार प्रकृति ऐसी अद्भुत है कि उसमे जितने भी सत्व है वे सभी शक्ति रुप है। उनकी सहायता के बिना मनुष्य जिवन दुभर हो जाता है। अत: उन सभी सत्वो की निरंतर प्राप्त होती रहे इसलिए गोंडी पुनेम दर्शन मे उन सभी की सेवा तथा उपासना करना यह प्रत्येक गण्डजीव का कर्तव्य है। अन खुट, धन खुट,  गण्ड खूट, माई खूट, मरा खुट, वेली खूट,  चिडी खूट,  मिच्चो खूट, जाई खूट,  तोडी खूट, मोडी खूट, कासो खुट, येर खूट, वडी खूट,  खडोरा खूट,  भन्ठा खूट, धन्ठा खूट, तारा खूट, मारा खूट, मूला खूट, अहेदा खूट, महेदा खूट, ...

ईश्वर का कोई अस्तित्व नहीं. :-.दुनिया का सब से बडा खुलासा*

* दुनिया का सब से बडा खुलासा* *ईश्वर का कोई अस्तित्व नहीं* ABP News report स्विटजरलैंन्ड जेनेवा वैज्ञानिक शोध संस्था ने कल यह खुलासा किया है कि दुनिया किसी ईश्र्वर ने नहीं बनाई है, बल्कि *कवाकॅ लेबोनेन* नाम के कणों से निर्मित हुई है, जिसकी वजह से *ब्रह्मांड* यानि कि दुनिया निर्मित हुई है, दुनिया बनाने वाला इस कण की शोध को वैज्ञानिक दुनिया की सबसे बडी शोध बताते हैं । यह खोज 1980 से शुरू की थी जिसमें विश्र्व भर के वैज्ञानिकों की टीम कार्यरत थी, जिसमें भारत से *बलदेव राज डावर* नामक वैज्ञानिक भी शामिल थे और महा वैज्ञानिक *हीग बोशन* भी शामिल थे, उन्होंने यह परीक्षण दो बार किया और नतीजा एक जैसा ही आया और सिद्ध किया कि *कवाकॅ लेबेनोन* नाम के कणों ने एक प्रचंड शक्ति से पृथ्वी, जल, हवा, सूरज, चांद, पेंड पौधे स्वयं निर्मित किए है, इसके पीछे कोई ईश्वर का करिश्मा या चमत्कार नहीं है । हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि आज से 2500 साल पहले *तथागत बुद्ध* ने बताया था कि दुनिया स्वयं संचालित है, इसको चलाने वाला कोई नहीं है, लेकिन बुद्ध की वैज्ञानिक बातों को दबाकर सभी धर्मों ने काल्पनिक ईश्वरीय स्वर्ग/नर्क क...